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महाकुंभ का महत्व और ये कब से शुरू होगा

blog post 04 Dec 2024 03:38 PM

महाकुंभ का महत्व और ये कब से शुरू होगा

कुंभ का अर्थ 'घड़ा' है, पानी के विषय में अमृत के बारे में बताया गया है और मेला शब्द का अर्थ है, किसी एक स्थान पर मिलना, या उत्सव में शामिल होना।ऐसा माना जाता है कि जब समुद्र मंथन में अमृत का कलश निकला था तब असुरों और देवताओं के बीच में अमृत के लिए 12 दिन तक लड़ाई होती रही जो कि सनातन धर्म में 12 साल के समान माने जाते हैं यानी 12 साल में महाकुंभ का आयोजन होता है। 

कुम्भ मेला कहाँ होता है:

महाकुंभ मेले की उत्पत्ती समुंद्र मंथन से जुड़ी है कहा जाता है कि जब अमृत के लिए असुरों और देवताओं में समुद्र मंथन हुआ था तब अमृत का कलश निकला था और दोनों पक्षो में अमृत को लेकर युद्ध हुआ उसी युद्ध में अमृत की कुछ बूंदे पृथ्वी के 4 जगहो पे गिर गई जो (हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज) इसीलिये चारो जगहों पर कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है।

 

कुंभ की तिथि और स्थान कैसे तय होते हैं:

2025 में महाकुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है किस प्रकार से 12 साल में कहां पे महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा इसका निर्णय कैसे होता है इसका विवरण हम आपको बताते हैं।

हरिद्वार में कुंभ की तिथि- जब बृहस्पति कुंभ राशि में और सूर्य मेष राशि में होता है तब हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है।

नासिक में कुंभ की तिथि- जब बृहस्पति और सूर्य दोनों सिंह राशि में होते हैं तब नासिक में महाकुंभ का आयोजन होता है। इसलिए इसे सिंहस्थ भी कहा जाता है।

उज्जैन में कुंभ की तिथि- जब बृहस्पति सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि में होता है तब उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन होता है।इसीलिए इसे भी सिंहस्थ कहा जाता है।

प्रयागराज में कुंभ की तिथि- जब बृहस्पति वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में गोचर करता है तब प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होता है। 2025 में बृहस्पति वृषभ राशि और सूर्य मकर राशि में गोचर हो रहे हैं इसलिए इस बार प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है।

महाकुंभ मेले में संगम स्नान का महत्व: प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन से मुख्य आकर्षण त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती) में स्नान करने का होता है। ऐसा माना जाता है कि संगम में स्नान करने से आत्मा की शुद्धि होती है, पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रद्धालू यहां आकर अपने पितरों का तर्पण भी करते हैं, जिनसे उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।

13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसका विशेष महत्व है क्योंकि संगम में स्नान का विशेष महत्व होता है और इस बार उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ में विशेष व्यवस्था की है जो भक्तों के लिए कुंभ मेला जाना आसान हो जाएगा.

  • भक्तों के रुकने के लिए शिविर और स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था।

  • भारी संख्या में सुरक्षा बलो की तैनाती होगी ताकि मेले में शांति बनी रहे।

  • संगम तट पर सफाई की व्यवस्था और हर तरफ श्रद्धालूओं के लिए पानी की व्यवस्था की जा रही है।

  • प्रयागराज तक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं तथा ऑनलाइन पंजीकरण की भी व्यवस्था की जा रही है।


 
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