केदारनाथ की यात्रा के लिए योजना कैसे बनाएं
केदारनाथ यात्रा के लिए आपको पहले से योजना बनानी चाहिए, केदारनाथ यात्रा के लिए यदि आप योजना बना रहे हैं तो आपके पहले से आपका पंजीकरण होना चाहिए, केदारनाथ मंदिर में भगवान शिव जी बैल की पीठ के रूप में विराजमान हैं यहां सबसे पहले इस शिलिंग पर प्राकृतिक रूप से स्नान गी का लेप बाद में श्रद्धालो लो दर्शन करवाते हैं शाम को पूरा श्रंगार किया जाता है
शिवपुराण के अनुसर केदारनाथ यात्रा का महत्वा:-
शिवपुराण के अनुसर केदारनाथ यात्रा का एक अलग नियम बताया गया हैशिवपुराण के अनुसार केदारनाथ में शिव जी बैल के रूप में शवम् विराजमान हुए थे इसलिए उनको श्वंभू ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है।शिवपुराण के अनुसार केदारनाथ दर्शन के पहले किसी धार्मिक पवित्र नदी में स्नान करके जाएं ऐसा न करने से व्यक्ति पाप का दोषी बनता है।शिवपुराण में इसके अलावा व्यक्ति को सदाचार, और संगति और दया भाव रखे हुए तीर्थस्थान में निवास करना चाहिए।
केदारनाथ यात्रा करते समय मन में पवित्र विचार:-
केदारनाथ की यात्रा करने से पहले व्यक्ति जो सदाचार, उत्तम प्रवृत्ति और संगति और दया का भाव रखना चाहिए, केदारनाथ की यात्रा करने से पहले व्यक्ति जो सदाचार, तम वृत्ति और संगति और दया का भाव रखना चाहिए इस भाव के साथ धार्मिक स्थल पर छोटा सा पुण्य भी बड़ा महापुण्य बन जाता है।केदारनाथ के लिए जाने वाले लोग तामसिक भोजन और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए
केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण:-
केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण करना बहुत जरूरी होता है इसके बिना आपके दर्शन नहीं होते हैं पंजीकरण के लिए आपके पास आधारकार्ड होना चाहिए इसके अलावा कोई अन्य पहचान पत्र होना चाहिए
केदारनाथ का पैकेज बुकिंग:- केदारनाथ यात्राका पैकेज भी पहले से बुक करना होता है, इससे आपकी कंपनी पूरी जानकारी देती है, आपका रजिस्ट्रेशन से लेकर होटल तक बुकिंग होती है।
केदारनाथ यात्रा के लिए होटल बुकिंग:- अगर आपको केदारनाथ की यात्रा पर जाना है तो आपको पहले से होटल बुक करना चाहिए क्योंकि पीक सीजन पर होटल बहुत महंगा मिलता है या कभी-कभी मिल ही नहीं पाते है।
मौसम या मार्ग की सम्पूर्ण जानकारी:- केदारनाथ यात्रा के जाने के पहले, वहां के मौसम की संपूर्ण जानकारी लेनी चाहिए, वैसे ही जुलाई से अगस्त की बारिश की वजह से कभी-कभी लैंड स्लाइड हो जाती है।
केदारनाथ यात्रा की परिवहन व्यवस्था:- यात्रा पे जाने से पहले परिवहन की भी बुकिंग करनी चाहिए हरिद्वार से सोनप्रयाग तक गड़िया जाती है तो उसके लिए पहले से परिवहन बुक करना होता है
हरिद्वार से केदारनाथ यात्रा:-
केदारनाथ यात्रा के लिए हरिद्वार आना पढ़ता है हरिद्वार से आप सबसे पहले सारे दर्शनीय स्थल देखें गुप्तकाशी और सोनप्रयाग पहुँचते हैं और वहां रात का रुकना होता है गुप्तकाशी या सोनप्रयाग से आप गौरीकुंड तक जाते हैं गौरीकुंड से केदारनाथ का ट्रैकिंग करना होता है ऊपर केदारनाथ पहुंने पर एक रात का रुकना होता है रात रुकने के बाद केदारनाथ बाबा के दर्शन के बाद फिर से आप नीचे उतर कर सोनप्रयाग से गुप्तकाशी तक आते हैं वाह एक रात का रुकना है तीसरी रात रुकने के बाद चौथे दिन को वापस हरिद्वार आ जाता है