2025 में चारधाम यात्रा पर जाने की तैयारी कैसे करें: सम्पूर्ण जानकारी
चारधाम यात्रा को हिंदू धर्म के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है जिसका दुनिया भर में विशेष महत्व है। वैसे तो मुख्य चारधाम अलग-अलग जगह हैं जिनका विशेष महत्व होता है जैसे उत्तराखंड में बद्रीनाथ मंदिर, गुजरात में द्वारका, ओडिशा में पुरी और तमिलनाडु में रामेश्वरम। उत्तराखंड में चारधाम करने का भी विशेष महत्व है जिसे हम छोटा चारधाम भी कहते हैं इसमें उत्तराखंड के चार प्रसिद्ध मंदिर शामिल हैं जैसे यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ। चारधाम यात्रा से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
उत्तराखंड के चार धाम यात्रा के सभी पवित्र स्थल अलग-अलग देवी देवताओं को समर्पित हैं। जैसे गंगोत्री धाम माता गंगा और यमुनोत्री माता यमुना को समर्पित हैं। केदारनाथ धाम में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं और यह भगवान शिव को समर्पित हैं। बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है। 2025 में अगर आप चार धाम उत्तराखंड जाने का प्लान बना रहे हैं तो आप अलग-अलग टूर कंपनी के पैकेज सर्च कर सकते हैं जिसमें आपके बजट के अनुसार टूर पैकेज मिल जाएंगे, आपके रहने के लिए होटल, वाहन, खाना रजिस्ट्रेशन शामिल रहता है टूर पैकेज एडवांस बुक करके आप आराम से अपनी यात्रा संपन्न कर सकते हैं।
चार धाम जाने का सबसे अच्छा समय
चार धाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर तक है। इन महीनों में मौसम सुहाना होता है जिसकी यात्रा आरामदायक और सुखद बनती है। गर्मी के मौसम में मौसम अच्छा रहता है। जुलाई और अगस्त में भारी बारिश होने से चारधाम यात्रा करने से बचना चाहिए क्योंकि बारिश के कारण लैंड स्लाइडिंग का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी के मौसम में यहां पर बर्फ गिरती है जिस कारण यात्रा बंद हो जाती है।
चार धाम यात्रा की महत्वपूर्ण जानकारी
चारधाम यात्रा हरिद्वार से शुरू होती है सबसे पहले यमुनोत्री जी, फिर गंगोत्री जी, फिर केदारनाथ जी और फिर बद्रीनाथ जी के दर्शन करते हैं ये यात्रा पश्चिम से शुरू होती है और पूर्व में खत्म होती है। कुछ महत्तवपूर्ण बिंदु को ध्यान में रखकर ही अपनी यात्रा की योजना बनाएं जो कि इस प्रकार है-
- चारधाम यात्रा आप हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश और दिल्ली से अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं।
- चारधाम यात्रा करने से पहले आपको अपना पंजीकरण करवाना जरूरी है।
- अपने आईडी प्रूफ के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट जैसे दस्तावेजों को भी साथ ले जाइए।
- चारधाम यात्रा आप किसी भी मौसम में प्लान करें अपने साथ गरम कपड़े जैसे- शॉल, स्वेटर, दास्ताने, ऊनी कपड़े और रेनकोट ले जाना ना भूले।
- जो भी व्यक्ति चलने में असमर्थ है उनके लिए वहां घोड़ा, पालकी और पिट्ठू भी मिलते हैं जिन्हें बुक करके आप मंदिर तक पहुंच सकते हैं, इसके अलावा हेलीकॉप्टर की भी सुविधा रहती है जिसकी बुकिंग यात्रा शुरू होने से पहले ही करनी होती है।
- यात्रा के दौरान पहाड़ों पर चलने वाले आरामदायक जूते ही पहने।
दर्शन का समय – मंदिर में दैनिक अनुष्ठान महा अभिषेक और अभिषेक पूजा के साथ लगभग 4:30 बजे शुरू होते हैं और शयन आरती के साथ लगभग 9:00 बजे समाप्त होते हैं। मंदिर आम जनता के लिए सुबह 7:00 बजे खुलता है और दोपहर में 1:00 बजे से शाम 4:00 बजे के बीच बंद होता है।
अब आपको चारधाम यात्रा करने की पूरी जानकारी मिल चुकी है, इन्ही महत्तवपूर्ण जानकारी को ध्यान में रखते हुए अपनी यात्रा की योजना बनाएं।